Kheti News: धान छोड़कर दूसरी फसलों की बिजाई पर हरियाणा सरकार दे रही आर्थिक मदद, जानें कैसे उठाएं लाभ
हरियाणा सरकार की ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत अब धान छोड़कर दूसरी फसलों की खेती करने पर किसानों को ₹8000 प्रति एकड़ की आर्थिक मदद दी जा रही है। जानिए कैसे मिलेगा लाभ और कैसे करना है रजिस्ट्रेशन।

हरियाणा में अब धान की जगह दूसरी फसलों की खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से दोहरा फायदा मिल रहा है। राज्य सरकार की ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत यदि कोई किसान धान की बजाय कपास, बाजरा, ग्वार, मूंग जैसी खरीफ फसलें उगाता है, तो उसे ₹8000 प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता सीधे दी जाएगी।
दादरी जिले में इस योजना का खासा असर देखा जा रहा है। यहां पर कई किसान धान की जगह अब दूसरी फसलों की तरफ रुख कर चुके हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि मानसून की शुरुआत के साथ अच्छी बारिश ने खरीफ फसलों की पैदावार की संभावनाओं को मजबूत किया है।
अच्छी बारिश और सरकारी योजना – किसानों के लिए सुनहरा मौका
इस बार मानसून के शुरुआत में ही दादरी जिले में अच्छी बारिश हुई है। इसका सीधा फायदा खेतों में पहले से बोई गई फसलों को मिलेगा। साथ ही जिन किसानों ने बिजाई अभी शुरू की है, उनके लिए भी यह मौसम बहुत अनुकूल है। कृषि विभाग के वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ डॉ. चंद्रभान श्योराण के अनुसार, मानसून की अच्छी शुरुआत खरीफ सीजन की फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
इस बीच सरकार की योजना ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ के तहत किसानों को न केवल पैदावार का फायदा मिलेगा, बल्कि उन्हें सरकार से सीधे ₹8000 प्रति एकड़ की मदद भी मिलेगी। साथ ही, धान की खेती में होने वाली पानी की बर्बादी और खेतों में जलभराव से होने वाले नुकसान से भी किसान बच सकेंगे।
योजना का फायदा कैसे लें?
कृषि विभाग की ओर से किसानों को लगातार योजना की जानकारी दी जा रही है और उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है कि वे धान की जगह दूसरी फसलें अपनाएं। अगर कोई किसान इस योजना का लाभ लेना चाहता है, तो उसे ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इस पोर्टल पर दर्ज जानकारी और सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि जारी की जाएगी।